लेकिन यही सवाल अगर आपसे हिंदी साहित्य के संदर्भ में पूछा गया, तो आपके पास शायद ही हिंदी किताबों के कुछ नाम होंगे - जैसे 'चंद्रकांता''. जिसे प्रकाशित हुए १३० वर्षों से बही अधिक समय हो चुका है।
१ अलबेला -
जिसे आदियुग भी कहते हैं , आदियुग के मनुष्य शिकार करने, और खुद किसी का शिकार होने से बचने में ही अपना सारा जीवन, व सारी ऊर्जा व्यय्तीत कर देते थे।
लेकिन फिर एक दिन जन्म होता है अलबेला का.
और सब कुछ बदल जाता है..
मगर इस बिच उसे तनिक भी भनक न थी कि वो मानव जीवन की क्रांतिकथा लिख रहा है
इस उपन्यास ,में आपको फंतासी , रोमांच , रोमांस , आध्यात्म आदि का एक अद्भुद तालमेल मिलेगा जो कथानक की रोचकता को कई गुना बढ़ा देगा . साथ ही किताब में बनाये गये चित्र कहानी को और अधिक रोचक बना देते हैं, जिस कारण पाठक खुद को उन आदियुगीन पात्रों के बीच ही कहीं पाते हैं।
किताब आप अमेज़न से प्राप्त कर सकते हैं . ALBELA
2 किंचुलका
किंचुलका नाम ही अपने आप मे काफी रोचक है। किंचुल यानी कि केचुआ, जो अपने कटे हिस्से को वापस फिर से उगा लेता है, बस उसी विषय पर इस किताब का कथानक आधारित है। कहानी की बात करें तो कहानी देवताओं और दानवों के समय पर आधारित है। सदियों पहले देवताओं ने किंचुलका नामक एक अजेय देवासुर का निर्माण किया, जिसे पराजित नही किया जा सक्कता , ताकि वो असुरों के आतंक को मुह तोड़ जवाब दे सकें, लेकिन बाद में जब किंचुलका देवताओं पर ही हावी होने लगा तो उसे एक लंबी नींद सुला दिया गया। और फिर लाखों वर्षो बाद जब विज्ञान के महत्वाकांक्षी प्रयोगों ने उसे नींद से जगा दिया, तो फिर क्या परिणाम होगा ये इस कथा का केंद्रीय भाव है।
किताब आप अमेज़न से प्राप्त कर सकते हैं . - KINCHULKA
3- तिलस्मी खजाना-
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कहानी दो जाँबाज युवकों- अर्जुन और पंडित की रोमांचक यात्रा की दास्तान है जो एक मिथकीय तिलस्मी ख़ज़ाने की खोज में निकले है। अर्जुन जहां बल का प्रतीक है तो पंडित बुद्धि का। बल और बुद्धि की जुगलबंदी क्या उस तिलस्मी ख़ज़ाने की खोज कर पाएंगे या वो ख़ज़ाने वाली कहानी बस एक मिथक है, जानने के लिए आपको ये किताब पढ़नी होगी।
किताब आप अमेज़न से प्राप्त कर सकते हैं .- TILISMI KHAZANA
4-जर्नी टू द सेंटर ऑफ द अर्थ।
वैसे तो ये मूल कथा १८६० के दशक में फ्रेंच में छपी थी, लेकिन इसकी लोकप्रियता का आलम ये है कि इस किताब को विश्व की लगभग हर बड़ी भाषा मे प्रकाशित किया गया है।
हिंदी में ये कितना 2020 में छपी थी और इसके अनुवादक है आलोक कुमार जी। जो पहले भी राजकुमारी और शैतान बौने नाम से प्रिंसेस एंड दि गोबलिन्स का अनुवाद कर चुकें हैं। जर्नी टू द सेंटर ऑफ द अर्थ का कथानक ,रोमांच, फंताशी और यात्रा विवरण का अनोखा समागम है जो कि धरती के गर्व तक कि यात्रा पर आपको ले जाता है।
हिंदी में अनुवादित फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन की किताब की सबसे बड़ी खाशियत ये है कि इसे पढ़ते हुए आपको ये नही लगेगा कि आप कोई अनुवादित किताब पढ़ रहे है। आलोक कुमार द्वारा अनुवादित इस किताब में आप उनके द्वारा किये गए हिंदी मुहावरों, लोकोक्तियों और उपमाओं के प्रयोग आपको ऐसा महसूस नही होने देंगे कि आप एक अनुवादित कृति पढ़ रहे है। साथ ही किताब में मूल फ्रेंच किताब के चित्रकार अद्दरदर्द रियो के मूल चित्रों का आनंद भी ले सकते है जो इसकी गुणवत्ता में कई गुना वृद्धि करते है।
किताब आप अमेज़न से प्राप्त कर सकते हैं . - JOURNEY TO THE CENTER OF THE EARTH
5 अमोघ
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AMOGH :FLYDREAMS |
किताब आप अमेज़न से प्राप्त कर सकते हैं .- AMAOGH
2 टिप्पणियाँ
सुना है फ्लाई ड्रीम्स फंताशी में और किताबें भी प्रकाशित कर रही है।
जवाब देंहटाएंआपका कहना एकदम सही है, बाजार में फंताशी किताबों का एकदम अकाल है। मिलती ही नहीं है।
जी सर! अब पाठकों की उम्मीद काफी बढ़ गयी है प्रकाशन से।
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